देसी नस्ल

देसी नस्ल के मवेशियों के लिए केंद्र ने बनाया खास प्लान, अब पशुपालक हो जाएंगे मालामाल

देसी नस्ल के मवेशियों के लिए केंद्र ने बनाया खास प्लान, अब पशुपालक हो जाएंगे मालामाल

 

देसी नस्ल :नमस्कार दोस्तों आप सभी को हमारे इस आर्टिकल में स्वागत है तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं केंद्र सरकार ने बनाया खास प्लान देसी नस्ल के मवेशियों के लिए तो दोस्तों इस के बारे में संपूर्ण जानकारी हम नीचे के आर्टिकल के द्वारा बताने वाले हैं तो आप लोग आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे आपको बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में लगभग आधी स्वदेशी पशुधन नस्लों को अभी तक वर्गीकृत नहीं किया गया है और कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए उनकी पहचान करने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) इस दिशा में काम कर रहा है और देश में ऐसी नस्लों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया गया है.कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमें जल्द से जल्द ऐसी अनूठी नस्लों की पहचान करनी होगी, ताकि इन नस्लों को बचाया जा सके.

आईसीएआर द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पशु नस्ल पंजीकरण प्रमाणपत्र देने के बाद तोमर ने कहा, देश का लगभग आधा पशुधन अब भी वर्गीकृत नहीं है. हमें जल्द से जल्द ऐसी अनूठी नस्लों की पहचान करनी होगी, ताकि इन नस्लों को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि देश में पशुधन की बड़ी संख्या में देशी नस्लें हैं, जिन्हें सभी क्षेत्रों में पहचानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी.देसी नस्ल

मिशन मोड में देश के सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का प्रलेखन शुरू किया है

इस दिशा में काम करने के लिए आईसीएआर की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा, ऐसा काम आसान नहीं है और इसे राज्य के विश्वविद्यालयों, पशुपालन विभागों, गैर-सरकारी संगठनों आदि के सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आईसीएआर ने इन सभी एजेंसियों के सहयोग से मिशन मोड में देश के सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का प्रलेखन शुरू किया है.

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राजपत्र में अधिसूचित करना शुरू कर दिया है

पूरी दुनिया इस समय पशुधन और मुर्गीपालन क्षेत्र में भारत की विशाल विविधता को देख रही है. देश में पशु आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने और उनकी आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करने के प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा भी सराहना की गई है. बृहस्पतिवार को 28 नई पंजीकृत नस्लों के नस्ल पंजीकरण प्रमाणपत्र वितरित किए गए. इनमें मवेशियों की 10, सुअर की पांच, भैंस की चार, बकरी और कुत्ते की तीन-तीन, भेड़, गधे और बत्तख की एक-एक नस्ल शामिल है. एक सरकारी बयान के अनुसार, इन देशी नस्लों पर संप्रभुता का दावा करने के लिए, सरकार ने वर्ष 2019 से सभी पंजीकृत नस्लों को राजपत्र में अधिसूचित करना शुरू कर दिया है.देसी नस्ल

 

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